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Newsbihar18:-शिवानंद तिवारी का बयान- नीतीश से मुक्ति चाहती है भाजपा; बिहार में मचा सियासी हलचल

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Newsbihar18:- बिहार में एक बार फिर सीएम पद के लिए नीतीश कुमार के चेहरे को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। कभी नीतीश और अब लालू के नजदीकी रहे राजद के वरीय नेता शिवानंद तिवारी ने मंगलवार को बिहार के अगले सीएम पर बयान देकर बिहार के राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दिया है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा नीतीश कुमार से मुक्ति चाहती है। शिवानंद तिवारी ने लगे हाथ उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी पर भी विवादित बयान दिया है। उन्‍होंने सुशील मोदी की तुलना शिखंडी और टिटहरी से की है। इसके बाद शिवांनद तिवारी पर जदयू और भाजपा के नेता हमलावर हो गए हैं।  राजद के वरीय नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि 15 वर्षों के शासन से अब नीतीश कुमार से जनता का मन भर गया है। भाजपा भी इस बात का समझ रही है। उन्‍होंने कहा कि जहां तक मेरी समझ है भाजपा नेतृत्व नीतीश कुमार और सुशील मोदी दोनों से मुक्ति चाहता है। इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा दोनों से अलग किसी तीसरे चेहरे को सामने लाती है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।  शिवानंद तिवारी यही पर नहीं रुके। उन्‍होंने उपमुख्‍यमंत्री व वरीय भाजपा नेता सुशील मोदी पर भी विवादित बयान दिय

NewsBihar18:- AAP नेता ने कहा मजदूरों को मदद की जरूरत है, तब उन्हें सरकार ने बड़ी बेशर्मी से बेसहारा छोड़ दिया है। नीतीश जी बताएं कि गरीब मजदूरों से इन्हें इतनी नफरत क्यों है?

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AAP नेता ने कहा कोरोना महामारी के दौर में मजदुरों का भीषण घर वापसी पूरे देश मे चल रहा है जिस के चलते कई मज़दूरों की मौत रास्ते में सड़क पर या रेल की पटरियो पर नही तो भूख और बीमारी से हो रही है। जिसको बिहार सरकार से ये मांग की जाए कि  सरकार आंकड़े जारी करे कि अब तक कितने मजदुरों की मौत इस संकट के काल में हो चुकी है। सालों साल बिहार की सत्ता अपने हाथों में रखने के बावजूद नीतीश कुमार बिहार को उस काबिल नहीं बना पाए कि यहां जनता को अपने राज्य में ही रोजगार मिल पाए। लोगों को अपना ही घर बार छोड़कर रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाने पर मजबूर कर दिया। आज जब मजदूरों को मदद की जरूरत है, तब उन्हें सरकार ने बड़ी बेशर्मी से बेसहारा छोड़ दिया है। नीतीश जी बताएं कि गरीब मजदूरों से इन्हें इतनी नफरत क्यों है? लॉकडाउन के दौरान मरने वाले मज़दूरों में बिहार के मजदूरों की संख्या काफी अधिक है। इसके बावजूद बिहार सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है और ना ही मरने वाले मजदूरों के आश्रितों के लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा की गई है। इसलिए हमारी मांग है की बिहार सरकार मरने व