“बिहारी बहादुरों ने गलवान में चुन-चुनकर 100 से अधिक चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा” Bihar 18
“बिहारी बहादुरों ने गलवान में चुन-चुनकर 100 से अधिक चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा”
नई दिल्ली: 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। हालांकि चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या यह कहते हुए नहीं बताई कि इससे दोनों देशों के रिश्तों पर फर्क पड़ेगा। लेकिन हर बात को छिपाने वाले चीन को उसी के एक सैन्य अधिकारी ने बड़ा झटका दिया है। उसने बताया है कि इस झड़प में 100 चीनी जवानों की जान चली गई।
पूर्व चीनी सैन्य अधिकारी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में एक नेता के बेटे जियानली यांग ने स्वीकार किया कि 15 जून की रात में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच भयानक संघर्ष में 100 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के एक पूर्व नेता यांग जिनाली के बेटे ने दावा किया है कि गलवान घाटी में भारतीय सेना के हाथों 100 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए हैं, लेकिन चीनी सरकार जानबूझकर इस आंकड़े को छिपा रही है। यांग ने कहा कि अगर सैनिकों के बारे में बताया जाए तो चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए मुश्किल होगी और पार्टी में बगावत होगी।
जियानली ने लिखा है कि पीएलए लंबे समय तक चीन के अधिकार का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। अगर देश की सेवा में काम करने वाले पीएलए कैडर की भावनाएं आहत होती हैं, तो यह सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ-साथ देश की सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करेगा। वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि बीजिंग को डर है कि अगर उसे लगता है कि उसके अपने सैनिक भारत से ज्यादा मारे गए तो देश में अशांति फैल सकती है और सीसीपी की शक्ति भी मुश्किल में पड़ सकती है।
यांग एक पूर्व चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) नेता और एक तियानमेन स्क्वायर कार्यकर्ता का बेटा है। चीनी जेल में 5 साल रहने के बाद 2007 में उन्हें तब रिहा किया गया था। जब से वह यूएसए में जाकर रहने लगा। जियानली यांग ने आरोप लगाया कि चीनी सरकार गलवान घाटी संघर्ष के बारे में खुलासा करने के लिए तैयार नहीं है। यांग ने याद दिलाया कि पिछले कुछ दिनों में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआंग ने विभिन्न समाचार सम्मेलनों के दौरान गलवान घाटी में चीनी हताहतों के बारे में सवालों को टाल दिया है। यांग ने इस बात की आलोचना की कि चीन गलवान घाटी संघर्ष में हताहतों की संख्या के बारे में खुलकर बताने को तैयार नहीं है, लेकिन भारत सरकार ने उनके शहीदों को सम्मानित किया।